लेखक श्री मनवर सिंह रावत के द्वारा लिखित अध्यात्म योग माला के अभी तक कुल 10 भाग प्रकाशित हो चुके हैं तथा आगे अन्य प्रकार की पुस्तकों के भागों को प्रकाशन निरंतर जारी है और जारी रहेगा। अभी तक प्रकाशित 10 भागों के लगातार प्रकाशन से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह पुस्तकें आमजन में कितनी लोकप्रिय साबित हुई हैं और पाठकों की रूचित के अनुसार उनमें जो कुछ पाठकों को चाहिए वह सब कुछ है। प्रत्येक भाग को पढ़ने के बाद पाठक अवश्य कहता है कि इसके और भागों का प्रकाशन शीघ्र ही कराया जाकर उनको यह पुस्तक उनको पाठन हेतु दी जाए और उनको दी गयीं.
हमारा भी सदैव प्रयास रहता है कि पाठकों की रूचि के अनुसार ही उनको पाठ्य सामग्री समय पर दी जाए जिससे उनके मन में इन पुस्तकों को पढ़ने की रूचि बनी रहे।
लेखक मूलतः उत्तराखण्ड से होकर अध्यात्म में गहरी रूचि रखते हैं उनकी इस अभिरूचि का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके द्वारा जब उनकी यह पुस्तक अध्यात्म योग माला का प्रथम भाग लिखना शुरू किया था तब से ही उनकी लगातार इन पुस्तकों के भागों को लिखने का क्रम अभी तक जारी है और रहेगा। परिवार भरा पूरा है पुस्तक लेखन की प्रेरणा लेखक को अपने पुत्र से मिली जिन्होंने अपने पिता का इस कार्य में भरपूर सहयोग किया है। परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का होने के कारण से घर में सुख-शांति का माहौल सदा बना रहता है साथ ही परिवार का एक साथ रहना बहुत बड़ी बात है। अब बात करते हैं उनकी पुस्तक अध्यात्म योग माला के प्रथम 10 संस्करणों की। पुस्तक के हर संस्करण में अध्यात्म का मानव जीवन से गहरा नाता और मानव जीवन के उत्थान के लिए मनुष्य को क्या कुछ करना चाहिए अथवा क्या नहीं ? हरेक बिन्दु को स्पष्ट और उदाहरण देकर समझाया गया है। मानव जीवन उसे क्यों मिला और इसमें ईश्वर की क्या मंशा रही है और उसकी भूमिका कब-कब और क्यों पहले से ही निर्धारित की हुई है। हम कभी न कभी कुछ गलत हो जाने पर दूसरे पर दोषारोपण करते हैं लेकिन हम स्वयं उसके लिए दोषी है यह बात का मंथन कभी नहीं करते हैं। प्रकृति के द्वारा मानव को क्या दिया जा रहा है और मानव के द्वारा उसे वापस क्या किया जा रहा है ऐसे ही बहुत से उदाहरणों से समझाया गया है जो शायद ही अन्य किसी पुस्तक में ऐसे विवरण दिया गया हो।
अध्यात्म योगमाला पुस्तक को पढ़ने के बाद आप खुद ही निर्णय कर सकते हैं कि पुस्तक को लेखक ने किस प्रकार लिखा होगा और उसकी क्या मंशा रही होगी। हमारा ही नहीं पाठकों का भी ऐसा विश्वास है यह पुस्तक उनकी मुक्ति का एक बेहतरीन साधन बन सकती है और उनके इस संसार के भवसागर से पार लगाने वाली नाव तो है ही।
यदि हम इस संसार में आकर अपने प्रति, अपने परिवार, देश एवं समाज के लिए कुछ न कर पायें तो हमारा जीवन किस काम का ? लेकिन यह बहुत कम ही लोग हैं जो यह बात समझने के लिए तैयार होते हैं। हम और आप जो कुछ भी करते हैं वह परमात्मा के पास हर वक्त, हर पल पहले से ही मौजूद रहता है और जो कुछ भी भविष्य में होने वाला है उसका कारक सिर्फ और सिर्फ परमात्मा है। हमारी मुक्ति हमारे हाथ में है और हम उसे दूसरे में देखते हैं। हमारी क्षमताएंे असीमित हैं और भरपूर शक्तिशाली भी हैं एक बार जो मन में ठान लिया जाए तो उसे पूरा ही करने के बाद हम कुछ सोच पाएं तो यह एक अलग बात होगी।
कहने को यहां बहुत कुछ है लेकिन सब कुछ यहां कुछ शब्दों में बयां करना थोड़ा सा मुश्किल होता है। अध्यात्म योगमाला के यदि आप संस्करणों को पढ़ते हैं तो निश्चित ही आपका नजरिया गारंटी के साथ बदल जाएगा।
अध्यात्म योग माला के 10 भाग पूर्ण होने पर श्री रावत जी के द्वारा इसी क्रम में एक और 200 पेज की पुस्तक लिखी है जो धर्म सागर के नाम से प्रसिद्ध है। पुस्तक में श्री रावत जी के द्वारा धर्म विज्ञान मानव जाति के लिए कितना महत्वपूर्ण है और इसके बिना मानव जीवन कैसे अधूरा है ? सारी बातों को उनके द्वारा बहुत ही अच्छे तरीके से मय उदाहरणों के माध्यम से समझाया, बताया गया है। लेखक के द्वारा पुस्तक लेखन की प्रक्रिया को सरल और स्वाभाविक रूप में सुगम बताया एवं बनाया गया है जो हर वर्ग के पाठकों के लिए खास है। जिसने ने यह पुस्तकों को पढ़ा वह बिना अपने जीवन के स्वरूप को बदले बिना नहीं रह पाया। बहुत से पाठकों के लिए यह नयी और अनूठी बात हो सकती है और हमारा यह मानना है कि जो कोई भी पाठक इन पुस्तकों को पढ़ता और समझता है और अपने जीवन में पुस्तक में दी गई बातों को उतारता है वह निष्चित है अपने जीवन के महत्व को समझ सकता है और अपना जीवन सफल बना सकता है।
धर्म सागर एक सागर है जीवन के जैसे जो हमें जीवन के भंवर से पार करने में महती भूमिका निभाने में सक्षम है । लेखन ने अपने जीवन के दषकों के गहन अध्ययन और अनुसंधान के बाद ही उपरोक्त पुस्तकें लेख की हैं जो मानव कल्याण के लिए बहुत उपयोग साबित हो रही हैं । लेखक के द्वारा अन्नय रूप से लेखन कार्य जारी है और षीघ्र ही आपको और नई पुस्तकें उनकी ओर से पाठन के लिए मिलने वाली हैं ।
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