कोटि-कोटि धन्यवाद आप सभी सम्मानीय रचनाकारों को।
हम बड़े ही हर्ष के साथ सूचित कर रहे हैं कि आप सभी हमारे पब्लिशिंग हाउस का एक अटूट हिस्सा हैं और एक वर्ष से अधिक का समय इस प्रकाशन से प्रकाशित होने वाले सभी साझा काव्य, कहानी, गजल संग्रह का हिस्सा रहे हैं जिसमें आपने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और हर पुस्तक को सफल बनाया जो अद्भुद है, हमें नए दोस्त मिले, सलाहकार के रूप में वरिष्ठ एवं नवोदित साहित्यकार मिले। हमें इस बात की बहुत प्रसन्नता है कि आप हर वक्त हमारे साथी रहे यह एक गर्व का विषय है। बहुत कुछ सीखने और सिखाने को रह जाता है और सीखते भी हैं, त्रुटियों के साथ परन्तु उनको ठीक करना भी आवश्यक होता है और आप सभी के सहयोग के बिना यह असंभव ही रहता।
साहित्य जगत अपने आप में एक शब्द में लिखने, पढ़ने और समझने में पूर्ण है। आप सभी के द्वारा दिये गया योगदान अविस्मरणीय है और स्वतः ही साहित्य जगत में सदा के लिए अमर हो गया है। बिना रचनाकार के प्रकाशक कुछ भी नहीं हैं बिल्कुल उस सूखे पेड़ की तरह जिसमें से जीव द्रव्य चला गया हो। रचनाकार ही प्रकाशक को एक संबल देता है उसे कुछ नया इस दुनिया के समक्ष पेश करने हेतु प्रेरित करता है और यही प्रेरणा के चलते वह दोनों एक कृति का निर्माण करने में सक्षम होते हैं।
आपके द्वारा साहित्य जगत को दिया गया योगदान भावी पीढ़ियों के लिए एक शानदार धरोहर के रूप में संरक्षित रहेगी जो उसके लिए प्रेरणा स्त्रोत का कार्य करेगी। हम और आप जब इस दुनिया में न रहेगें तब आपके और हमारे द्वारा बनाई कृति यहाँ पर मौजूद होगी।
हमारे लिए गर्व की बात है कि आप जैसे वरिष्ठ अनुभवी और नवोदित रचनाकार हमारे साथ हैं और हमें निरंतर कुछ नया करने की प्रेरणा मिलती रहेगी। नवोदितों को वरिष्ठों से सीखने को मिलेगा और एक नया सृजन इस साहित्य जगत में निरंतर जारी रहेगा।
एक बार फिर आप सभी महानुभाव रचनाकरों का कोटि-कोटि धन्यवाद।