How search a best publisher for publish a book?
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कैसे खोजें एक बेहतरीन प्रकाशक को

यदि आपको आप अपनी कोई बेहतरीन कहानी है, साहित्य है, खोज है तो आप चाहते हैं कि आपकी पुस्तक को एक बेहतर प्रकाशक मिले।
अपनी पुस्तकों के बेहतर के लिए लेखकगण कृपया इन बातों का ध्यान रखकर यह विधि अमल में लाये तो निश्चित ही उनकी पुस्तक का प्रकाशन एक बेहतर और जानेमाने प्रकाशक के द्वारा किया जाना संभव हो सकेगा।
जैसा की आजकल देखने को मिलता है कि प्रकाशकों की बाढ़ सी आई हुई है तथा गली-मौहल्लों में भी प्रकाशकों के बोर्ड टंगे हुऐ मिल जायेगें, लेकिन इन बोर्ड का किसी दुकान पर लगे होने का मतलब यह कतई नहीं होता है कि वह एक बेहतर और अनुभव वाला प्रकाशक ही होगा।
आईये जानते हैं कि आप अपनी पुस्तक के प्रकाशन हेतु कैसे एक बेहतर व अनुभवी प्रकाशक का चुनाव करते हैं।


1. कैसे पहचाने एक अच्छे प्रकाशक को ?


अच्छे प्रकाशक की पहचान करना बहुत ही मुश्किल काम होता है, खासकर नवोदित लेखकों के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती का काम होता है। नये लेखक अक्सर फर्जी और धोखेबाज प्रकाशकों के चुंगल में आसानी से फंस जाते हैं क्योंकि उनको एक सही प्रकाशक की पहचान नहीं होती है।
एक अच्छा प्रकाशक नवोदित लेखकों से उनकी पुस्तक के बारे में पूछता है, अपने बारे में जानकारी देता है तथा पुस्तक प्रकाशन से लेकर बिक्री तक सब कुछ स्पष्ट रूप से समझाता है। बाजार के जोखिमों के बारे में भी बताता है। बाजार में वर्तमान में क्या पंसद किया जा रहा है और क्या नहीं। उसे पुस्तक छपवाना चाहिए अथवा नहीं सब कुछ बताता है। पुस्तक की गुणवत्ता को लेखक स्पष्ट करता है तथा एक समय-सीमा के अन्दर लेखक को उसकी पुस्तक प्रकाशित करवाकर देता है। लेखक को रॉयल्टी इत्यादि के बारे में पूर्णतः सही जानकारी देता है। लेकिन इसके विपरीत धोखेबाज लेखक ऐसा कुछ नहीं बताते हैं वह सिर्फ और सिर्फ केवल लेखकों से पैसा ऐंठने का काम करते हैं। बातें बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन हकीकत में कुछ नहीं करते हैं। पैसा मिलने के बाद वह लेखकों से बिल्कुल संपर्क नहीं रखते हैं।


2. प्रकाशक का इतिहास जानेंः-

 

एक बेहतर और अच्छे जाने माने प्रकाशक का एक इतिहास होता है जो यह बताता है कि वह बाजार में आने जाने वाले उतार-चढ़ाव को लेकर विचलित नहीं हुआ है और लगातार अपने लेखकों के बीच अपनी उपस्थिति एवं पहचान बनाये हुए है। इतिहास जानने के लिए आप गूगल में भी सर्च कर सकते हैं। अन्य ऑनलाईन सोर्स भी खोज सकते हैं। उसके दिये गये पते पर जाकर उससे स्वयं मुलाकात भी करते हैं। फेसबुक पेज, ट्विटर, इन्टाग्राम, यू-ट्यूब पर जाकर उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यदि प्रकाशक का यदि कोई ऑनलाईन बुक स्टोर, बेबसाईट है तो उस पर जाकर विजिट कर सकते हैं। वहां पर लेखकों, पाठकों की प्रतिक्रियाओं को भी देखकर इस बात पर पहुंचा जा सकता है कि प्रकाशक अच्छा व काफी समय से प्रतिष्ठित है।
3. अन्य लेखकों से पूंछताछ करें:-
प्रकाशक की सेवाओं और उसकी प्रमाणिकता का जानने के लिए आप प्रकाशक से अन्य लेखकों के बारे में जानकारी, फोन नंबर, पता प्राप्त कर उनसे बातचीत कर प्रकाशक के बारे में व उसकी सेवाओं की गुणवत्ता का भी पता कर सकते हैं। साथ ही आप यह भी कर सकते हैं प्रकाशक से एक मुफ्त कोई भी पुस्तक अथवा स्टोर/बेबसाईट से मंगा कर उसकी छपाई, पेज की गुणवत्ता को स्वयं ही जांच सकते हैं।


4. पुस्तक प्रकाशन में आने वाले खर्च की जानकारी:-


किसी भी पुस्तक के प्रकाशन हेतु धन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है लिहाजा सबसे पहले अथवा जब आपको उचित लगे तब प्रकाशक से पुस्तक के प्रकाशन में आने वाले समस्त खर्च की जानकारी ई-मेल, व्हॉट्सअप, मैसेंजर, डाक के माध्यम से अपने पास जरूर मंगा लें। अन्यथा बाद में प्रकाशक एवं लेखक के मध्य धन को लेकर काफी समस्याएंे उत्पन्न होती हैं।


5. प्रकाशक के अधीन नियम व शर्तें:-


पुस्तक के प्रकाशन से पूर्व लेखकगण यह सुनिश्चित कर लें कि वह किसी वैधानिक अनुबंध-पत्र के सहित/रहित पुस्तक प्रकाशित करा रहे हैं। यदि अनुबंध पत्र के साथ करा रहे हैं तब अनुबंध पत्र को ध्यान से पढ़िये, अंग्रेजी में समझ में नहीं आता है तो आप हिन्दी में अनुबंध पत्र को बनाने को कहिए। अनुबंध पत्र में पुस्तक में उपयोग होने वाले मटेरियल जैसे ही पेज की क्वालिटी, रंगीन/ब्लैक एण्ड व्हाईट, कवर पेज, पेपर बैक, हार्ड कवर, पेज संख्या, साईज, रॉयल्टी, कॉपी राईट, कितनी संख्या में पुस्तक प्रकाशित होगीं तथा कितनी लेखक को मिलेगीं, शिपिंग चार्ज, रॉयल्टी कितने दिनों व कितने प्रतिशत प्राप्त होगी, पुस्तक का प्रकाशन उसकी बिना अनुमति के न हो, स्वीकृति उपरांत ही पुस्तक का प्रकाशन हो, ई-बुक की एक प्रति लेखक को प्रकाशक देगा। उसकी पुस्तक कहां-कहां बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी, पुस्तक प्रकाशन में लगने वाला समय इत्यादि सब कुछ स्पष्ट होना चाहिए। यदि यह सब कुछ आपके व प्रकाशक के अनुरूप होकर आप दोनों सहमत हैं तब ही अनुबंध-पत्र साईन करें अन्यथा न करें।


6. पैसा भेजने से पहले:-


प्रकाशक को पुस्तक प्रकाशन हेतु धनराशि भेजने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि प्रकाशक के द्वारा दिया गया बैंक एकाउंट/यूपीआई एड्रेस, विभिन्न पेंमेंट गेटवे सही है क्या। एक बार में पूरा पैसा न भेजें। अनुबंध अथवा कही गई बात के अनुसार ही पैसा भेजें। प्रकाशक के पास जितना पैसा भेजा गया है उतनी जमा धनराशि की रशीद अवश्य लें।


7. आँख बंद करके भरोसा न करें:-


आज के धोखाधड़ी वाले समय में आपको सतर्क रहने की जरूरत है नहीं तो कोई भी आपके साथ लूट-खसोट कर सकता है। आज कल ऑनलाईन का समाना है, ऑनलाईन ही आजकल सब कुछ हो रहा है। खरीददारी के लिए ही हम ऑनलाईन निर्भर हो रहे हैं। बहुत अच्छी चीज है परन्तु इसकी आड़ में कुछ धोखेबाज लोग अपना धन्धा चला रहे हैं। कभी भी ऑनलाईन अच्छा विज्ञापन देखकर उस पर भरोसा न करें, कुछ मेहनत करें और उस विज्ञापन के बारे में इंटरनेट से जानकारी प्राप्त करें और साथ ही साथ अपने मित्रों, रिश्तेदारों, जान पहचान के लोगों से इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें। पुस्तक प्रकाशन से सम्बन्धित विज्ञापनों पर आँख बंद करके भरोसा न करें।

यदि आप उपरोक्त बताए गये तरीकों को लेकर अपनी पुस्तक प्रकाशन से सबन्धित कार्य प्रणाली अपनाएंगे तो निश्चित ही आपकी पुस्तक एक अच्छे प्रकाशक के माध्यम से प्रकाशित की जायेगी जिससे आपको खुद की पहचान बनाने में बहुत ही आसानी होगी साथ ही साथ आप अच्छा खासा पैसा भी कमा सकतेे हैं।
यदि आप अपनी पुस्तक के प्रकाशन से सम्बन्धित कोई भी जानकारी चाहते हैं तो आप हमें लिखें या कॉल करें। हमारी ओर से आपको सौ प्रतिशत सहयोग किया जायेगा।

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